विज्ञान कक्षा 9 के लिए अध्याय 8 गति के notes
गति (Motion): जब कोई वस्तु समय के साथ अपनी स्थिति में भी परिवर्तन करती है तो कहा जाता है कि वस्तु की गति में है |
हमारे आस-पास गतिशील वस्तुओं के बहुत से उदाहरण है |
जैसे - उड़ते हुए पक्षियों की गति, कार कि गति, धमनियों एवं शिराओं में रक्त की गति, दौड़ते हुए बालक की गति |
मूल-बिंदु(Origin): किसी वस्तु की स्थिति को बताने के लिए हमें एक निर्देश बिंदु कि आवश्यकता होती है, जिसे मूल बिंदु कहते हैं |
जैसे - कोई आम बोल-चाल कि भाषा में कहता है की इस चौराहे से रेलवे स्टेशन 20 किलोमीटर उत्तर में हैं |
तो यहाँ चौराहा मूल बिंदु है जो रेलवे स्टेशन की स्थिति को बता रहा है |
दुरी (Distance): किसी वस्तु द्वारा किसी समय अन्तराल में तय की गए मार्ग कि लम्बाई को उस वस्तु द्वारा चली गयी दुरी कहते है |
विस्थापन (Displacement): किसी वस्तु के प्रारंभिक स्थिति तथा अंतिम स्थिति के बीच के न्यूनतम दुरी को वस्तु का विस्थापन कहते हैं |
परिमाण (Magnitiude): किसी भौतिक राशि के संख्यात्मक मान को इसका परिमाण कहते है |
सदिश एवं अदिश राशि :
सदिश राशि (Vector Quantity): वह भौतिक राशि जिसके परिमाण (maginitide) एवं दिशा (direction) दोनों होते हैं | उसे सदिश राशि कहते हैं |
उदाहरण: भार, विद्युत आवेश, वेग, बल, संवेग, विस्थापन आदि |
अदिश राशि (Scalar Quantity): वह भौतिक राशि जिसके केवल परिमाण () होता है दिशा नहीं होता है उसे अदिश राशि कहलाती है |
उदाहरण: भार , समय. क्षेत्रफल, आयतन, चाल, दुरी, ताप, घनत्व आदि |
सरल रेखीय गति :
जब कोई वस्तु किसी सरल रेखीय पथ पर गतिमान हो तो उसे सरल रेखीय गति कहते हैं |
दुरी एवं विस्थापन का उपयोग:
(i) दुरी एवं विस्थापन का प्रयोग वस्तु कि पूरी गति प्रक्रिया को व्यक्त करने में किया जाता है |
(ii) दिए गए समय में वस्तु कि प्रारंभिक स्थिति के सापेक्ष अंतिम स्थिति ज्ञात करने में किया जाता है |
दुरी (Distance):
(i) यह वस्तु द्वारा तय किये गए मार्ग की कुल लम्बाई होती है |
(ii) यह एक अदिश राशि है |
(iii) दुरी सदैव धनात्मक होती है |
(iv) यह विस्थापन से बड़ा या बराबर होती है |
(v) यह मार्ग कि लम्बाई पर निर्भर करता है |
विस्थापन (Displacement):
(i) यह वस्तु की प्रारंभिक स्थिति तथा अंतिम स्थिति के बीच कि न्यूनतम दुरी होती है |
(ii) यह एक सदिश राशि हैं |
(iii) विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक एवं शून्य भी हो सकता है |
(iv) यह दुरी से छोटा अथवा बराबर होता है |
(v) यह मार्ग कि लंबाई पर निर्भर नहीं करता है |
एकसामान गति :
जब कोई वस्तु समान समयांतराल में सामान दुरी तय करती है तो उसकी गति को एकसामान गति कहते हैं |
असमान गति :
जब कोई वस्तु सामान समयांतराल में असमान दुरी तय करती है तो इस प्रकार कि गति को असमान गति कहते हैं |
चाल (speed) : किसी वस्तु द्वारा इकाई समय में तय कि गयी दुरी को चाल कहते है |
चाल का मात्रक मीटर (m) प्रति सेकेंड है |
चाल के अन्य मात्रक है, सेंटीमीटर प्रति सेकंड है एवं किलोमीटर प्रति घंटा |
चाल एक अदिश राशि है |
यह सदा धनात्मक होता है |
वस्तु कि गति को व्यक्त करने के लिए हमें केवल उसके परिमाण कि आवश्यकता होती है | दिशा कि कोई आवश्यकता नहीं होती है |
अधिकतर अवस्थाओं में वस्तुएँ असमान गति करती करती हैं | ऐसी वस्तुओं कि गति कि दर ज्ञात करने के लिए औसत चाल ज्ञात करते हैं |
वेग (Velocity) :
जब कोई राशि किसी वस्तु की चाल में परिमाण के साथ-साथ दिशा को भी व्यक्त करे तो ऐसे चाल को वेग कहते है |
परिभाषा : एक निश्चित दिशा में वस्तु कि चाल को वेग कहते है |
वेग का मात्रक मीटर प्रति सेकंड m s-1 या m/s होता है |
किसी वस्तु का वेग समान एवं असमान हो सकता है |
वेग एक सदिश राशि है |
इसमें वस्तु की चाल निश्चित दिशा में होता है |
जब एक वस्तु सीधी रेखा में बदलती हुई चाल के साथ गति कर रही है ती हम इसकी गति कि दर के परिमाण को औसत वेग के रूप में व्यक्त करते हैं |
वेग के प्रकार:
(A) एकसमान वेग (uniform velocity): जब कोई वस्तु समान समयांतराल में समान विस्थापित होती है, तो वस्तु के इस प्रकार के वेग को एकसमान वेग कहते है |
(B) असमान वेग (Non-uniform velocity): जब कोई वस्तु समान समयांतराल में असमान विस्थापित होती है, तो वस्तु के इस प्रकार के वेग को असमान वेग कहते है |
(C) औसत वेग (Average velocity): किसी गतिमान वस्तु का औसत वेग उसके प्रारंभिक वेग और उसके अंतिम वेग का अंकगणितीय माध्य होता है |
चाल (speed):
(i) यह इकाई समय में वस्तु वस्तु द्वारा तय दुरी है |
(ii) यह एक अदिश राशि है |
(iii) किसी गतिमान वस्तु का औसत चाल शून्य नहीं हो सकता है |
(iv) किसी वस्तु कि चाल हमेशा धनात्मक होता है |
वेग (velocity):
(i) यह इकाई समय में वस्तु द्वारा तय विस्थापन होता है |
(ii) यह एक सदिश राशि है |
(iii) किसी गतिमान वस्तु का औसत वेग शून्य हो सकता है |
(iv) किसी वस्तु का वेग धनात्मक, ऋणात्मक अथवा शून्य हो सकता है |